ज्ञान पाठ्यचर्या एवं शिक्षणशास्त्र

  • ज्ञान पाठ्यचर्या एवं शिक्षणशास्त्र
  • 1.पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम ,पाठ्यपुस्तक की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए उदाहरण सहित ? 
    स्कूल को क्या करना चाहिए, क्यों और कैसे करना चाहिए आदि प्रश्नों के संदर्भ में पाठ्यचर्या मार्गदर्शन करता है। पाठ्यक्रम यह बताता है कि किस स्तर/कक्षा में क्या पढ़ाना है। पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या में प्रस्तावित (prescribed) योजना पर आधारित होता है और यह दोनों ही एक सरकारी संस्था द्वारा बनाया जाते हैं। पाठ्यपुस्तक पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार करी जाती है, जो बच्चों और शिक्षकों के उपयोग के लिए होती है। इस विषय पर और समझ बनाने के लिए आप हमारा सत्र देख सकते हैं -  https://youtu.be/2BifnmhOhP4
  • 2. प्राथमिक शाला स्तर में बच्चों को प्रोजेक्ट कार्य किस प्रकार कराया जाना चाहिए?
    शिक्षण में प्रोजेक्ट कार्य एक सक्रिय विधि है। प्रोजेक्ट विधि से बच्चे विषयों के विभिन्न पहलूओं को बहतर तरीके से पाते हैं। यह एक बाल-केंद्रित विधि है जो विषयवस्तु को वास्तविक दुनिया से जोड़ कर, बच्चों में ज्ञान निर्माण करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, बच्चों को स्कूल के लिए एक नया खेल का मैदान डिजाइन करने के लिए बोलें। इस कार्य से बच्चों को ज्यामिति के विभिन्न अवधारणाओं को लागू करने का अवसर मिलेगा और उनकी समझ ठोस होगी।
    प्रोजेक्ट कार्य को कराने के लिए कुछ ज़रूरी चीजें -
    • एक ऐसी चुनौती का चयन करें जो वास्तविक जीवन से संबंध रखती हो। इससे बच्चों की दिलचस्पी बनेगी और प्रोजेक्ट में एकाग्रता बनाए रखने में मदद करेगा।
    • बच्चों के प्रोजेक्ट को मॉनिटर करें। यह ज़रूरी है कि बच्चों को प्रोजेक्ट में दी गई चुनौती अच्छे से समझ में आई हो और वे उसी तरह से काम करें।
    • अगर बच्चे समूह में कार्य कर रहे हैं, तो यह ज़रूरी है कि वे मिलजुल कर कार्य करें पर सबकी जिम्मेदारियां उन्हें पता हो।
    • सभी के कार्य का आकलन करें। इस से शिक्षक समझ पाएंगे कि बच्चों को किस तरह की मदद की ज़रूरत है विषयवस्तु को बहतर समझने के लिए और उसके अनूरुप अपनी आगे की शिक्षण योजना तैयार कर पाएंगे।
    • बच्चों के अनुभव का मूल्यांकन करें। उनसे पूछे कि उन्होंने क्या सीखा, उन्हें विधि कैसी लगी और वे आगे किन विषयों पर प्रोजेक्ट करना चाहेंगे।
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