हम जिस भी विषय को सिखाना चाहते हैं उस विषय के बारे में सबसे पहले यह जाँचा जा सकता है कि बच्चों को पहले से क्या-क्या पता है। बच्चों से अलग-अलग संदर्भ में रोचक बात करके या कोई गतिविधि कराकर उस विषय को समझने के लिए बच्चों को तैयार किया जा सकता है। गतिविधि या खेल बच्चों को पसंद होते हैं और उनका नैसर्गिक स्वभाव भी होता है। अध्यापक द्वारा दिए गए कार्य को बच्चे बोझ की तरह समझते हैं वही कार्य अगर उन्हें गतिविधि से करवाया जाए तो उसमें वे रुचि लेते हैं। वे चुनौतीपूर्ण कामों को भी हल करने के लिए सहमति प्रकट करते हैं। इसलिए किसी भी विषय को बच्चों के स्तर अनुसार गतिविधि द्वारा आसानी से समझाया जा सकता है।
इसमें कार्य को विभिन्न समूहों में बाँटना, उस कार्य पर चर्चा करना या कारण ढूँढना, तर्क देना, निर्णय लेना, समूहों द्वारा प्रस्तुतीकरण करना जैसे कार्य कराए जा सकते हैं।
जैसे- समूह चर्चा, वाद-विवाद, समस्या का समाधान ढूँढना, प्रोजेक्ट तैयार करना, किसी कार्य का कारण ज्ञात करना आदि