1.पर्यावरण की समस्याएं सामाजिक समस्याएं क्यों हैं?

जब हम अपने परिवेश, अर्थात् इर्द-गिर्द उपस्थित सामाजिक और भौतिक घटकों को समझने का प्रयास करते हैं तो वही पर्यावरण-अध्ययन कहलाता है। सामाजिक घटकों में संस्कृति (भाषा, मूल्य, दर्शन) तथा भौतिक/प्राकृतिक घटकों में हवा, पानी, मिट्टी, धूप, पशु-पक्षी, खनिज, जंगल/वनस्पति आदि शामिल हैं। इस दृष्टि से पर्यावरण-अध्ययन में हम एक ओर तो मानव और इसके द्वारा निर्मित समाज एवं सामाजिक क्रियाकलापों का अध्ययन करते हैं, और दूसरी ओर प्रकृति एवं उसकी कार्य-प्रणाली के पीछे के नियमों का अध्ययन करते हैं। इस लिहाज से देखें तो पर्यावरण की जो भी समस्याएं होंगी वे सामाजिक समस्याएं ही होंगी। 

 

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